मंगलवार, 28 फ़रवरी 2012

आरक्षण और मुसलमान

मुस्लिम समाज किस अभिशाप से ग्रसित है ये किसि भी मुस्लिम नेता या दल को सोचने की फ़ुरसत ही नही है चुनाव के वक्त ये लोग मुस्लिमो को आरक्षण और न जाने क्या-क्या वायदे करते हैं इस के पश्चात ये सब भूल जाते हैं देश के मुस्लिमो ने कभि सोचा है कि वो आज़ादी के ६३ वर्षों बाद किस स्थिति मे पहुंच गये हैं आज देश मे मुस्लिम दलितो से निम्न स्तर पर हैं मुस्लिम सिर्फ़ वोट बैंक बन कर रह गये हैं धर्म के आधार पर मुस्लिमो को आरक्षण नही चाहिये ये तुष्टिकरण की नीति है मुस्लिमो को निर्धनता व पिछड़ेपन के आधार पर कुछ आरक्षण देना चाहिये इस से देश का विकास होगा......

शुक्रवार, 7 जनवरी 2011

मुझे साथ में रखना---[शकील बुखारी'सहर']


मेरे मह्बूब मुझे साथ में रखना अपने
चाहे सहरा में रहो चाहे हसीं गुलशन में
मुझको दुनिया की नज़र ठीक नही लगती हॅ
भूखे शेरों की तरह मेरी तरफ़ उठ्ती हॅ
दिन भी होता यहां रात के मन्ज़र जैसा
बच्चों के हाथ में तिनका लगे खन्जर जैसा
भागती दोड्ती इन गाडियों को देखो तो
नीचे मुर्दा पड़ी सड़्को का कुछ ख्याल नही
अपने पैरों सै कितनी जाने मसल देती है
नीचे चलती हुई चीटीं का कुछ मलाल नही
चाँद के साये भी जब रात में उमड्ते है
लरज़ते होठं भी एकदम से चीख उठ्ते है
ऐसे माहोल मॅ ये दिल तो जी नही सकता
इसको तावीज़ बना लो या बांधो दामन में
मेरे मेह्बूब मुझे साथ में रखना अपने